क्रिप्टोकरेंसी क्या है- जानें इस्तेमाल, प्रकार से लेकर सबकुछ | What Is Cryptocurrency – Know Uses, Types And Everything

क्रिप्टोकरेंसी क्या है

करेंसी जिसको हिंदी में हम मुद्रा के नाम से जानते हैं. आमतौर पर मुद्रा का काम होता है किसी भी चीज की कीमत चुकाना. हालांकि मुद्रा का इतिहास मानव इतिहास के मुकाबले नया है. और काफी समय पहले लोग चीजें खरीदने के लिए बार्टर सिस्टम का इस्तेमाल करते थे. यानि सामान के बदले सामान लेकिन जैसे-जैसे मानव सभ्यता में बदलाव होते गए वैसे-वैसे मानव सभ्यताओं में मुद्रा का चलन भी बढ़ गया. आज भारत की मुद्रा रुपया है वहीं अमेरिका की मुद्रा डॉलर है. लेकिन बढ़ते टेक्नोलॉजी के चलन में पूरे विश्व की मुद्रा के रूप में उभर कर आई है क्रिप्टोकरेंसी. यह फिजिकल रूप में न हो कर क डिजिटल होती है. इसका इस्तेमाल इंटरनेट के जरिए किया जाता है. Happy To Advise के इस लेख में हम आपको क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तमाम चीजें व क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पैसे कमाने के तरीके बताएंगे.

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इस लेख में शामिल प्रमुख बिंदु

  1. क्रिप्टोकरेंसी क्या है ?
  2. क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार कब हुआ?
  3. क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार
  4. क्रिप्टोकरेंसी की विशेषताएं
  5. क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान
  6. क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है | What is Cryptocurrency ?

क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल करेंसी है. इसे एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम द्वारा मैरिज किया जाता है. इसके माध्यम से आप दुनिया में कहीं भी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इसके ट्रांजैक्शन डिजिटल सिगनेचर द्वारा वेरीफाई भी किए जाते हैं. जिन्हें क्रिप्टोग्राफी की मदद से ट्रांजैक्शन्स का रिकॉर्ड रखा जाता है. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित करेंसी है. और इसे कॉपी करना लगभग असंभव है. इसकी कीमत समय-समय पर बदलती रहती है. साथ ही इसके कई प्रकार भी होते हैं. हालांकि कई देशों में यह आज भी अवैध है

क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार कब हुआ | How Cryptocurrency Is Invented ?

दुनिया में इंटरनेट का इतिहास बहुत अधिक पुराना नहीं है. इंटरनेट की शुरुआत 1990 के आसपास हुई थी. उस दौरान बहुत कम ही लोग इंटरनेट पर इस्तेमाल कर पाते थे. लेकिन उस समय भी कई लोग इसकी ताकत को जानते थे. लोग इस पर लगातार नए नए प्रयोग कर रहे थे उनमें से एक था डिजिटल करेंसी बनाने का प्रयोग. जापान के एक इंजीनियर सतोशी नाकामोतो ने 2008 में बिटकॉइन बनाया था. और 2009 में इसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में लांच किया गया था. इसी वजह से बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट को सातोशी के नाम से जाना जाता है जैसे 1 रुपए में 100 पैसे होते हैं. उसी तरह एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं. इसके बाद तमाम लोगों ने अलग-अलग  क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किया.

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क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार | Types Of Cryptocurrency

शुरुआती दौर में तो केवल बिटकॉइन ही एकमात्र क्रिप्टोकरेंसी था. लेकिन धीरे-धीरे इंटरनेट एक्सपर्ट्स ने तमाम तरीके की  क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत कर दी उनमें से कुछ प्रमुख  क्रिप्टोकरेंसी निम्नलिखित हैं.

  • बिटकॉइन (BTC) – बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी है इसे 2009 में सातोशी नाकामोटो ने बनाया था और आज भी यह दुनिया की सबसे अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी है.
  • ईथोरियम (ETH) – यह Coinmarket cap के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे 2015 में लांच किया गया था यह ईथर नाम से भी प्रसिद्ध है.
  • लाइटकॉइन (LTC) –  लाइट कॉइन भी अन्य तरीके की क्रिप्टोकरेंसी की ही तरह एक पॉपुलर  क्रिप्टोकरेंसी है. यह डिसेंट्रलाइज होने के साथ-साथ पियर टू पियर टेक्नोलॉजी के तहत भी काम करती है. इसकी शुरुआत सन 2011 में हुई थी.
  • डोजकॉइन (DOG) – जब बिटकॉइन काफी प्रसिद्ध था तो उस दौरान डोजकॉइन ने उसकी तुलना एक कुत्ते से कर दी थी. लेकिन बाद में डोजकॉइन खुद भी एक क्रिप्टोकरेंसी बन गया.
  • पियरकॉइन (PPC) – पीयरकॉइन क्रिप्टोकरेंसी पियर टू पियर क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही काम करती है. इसकी माइनिंग के लिए अधिक पावर की आवश्यकता नहीं होती है.

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क्रिप्टोकरेंसी की विशेषताएं | Features Of Cryptocurrency

क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है तो ऐसे में इसे इस्तेमाल करने के कई सारे फायदे होते हैं इसे इस्तेमाल करने के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं

  • क्रिप्टोकरेंसी के लिए आपको किसी बैंक की जरूरत नहीं पड़ती है. आप बिना बैंक के हस्तक्षेप के इसे खरीद बेच सकते हैं
  • क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग करना काफी ज्यादा आसान होता है. इसकी ट्रेडिंग के लिए इंटरनेट पर कई सारे वैलेट प्रचलिच हैं.
  • क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल में किसी भी तरीके का सरकारी हस्तक्षेप नहीं होता है.
  • क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी क्रिप्टोग्राफी नामक तकनीक से की जाती है. तो ऐसे में उसकी सुरक्षा में चूक की संभावनाएं लगभग शून्य हो जाती है.
  • क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज द्वारा ट्रांजैक्शन पर किसी तरह की का कोई ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लिया जाता है.
  • क्रिप्टोकरेंसी हाल-फिलहाल चलने वाली सभी मुद्राओं में सबसे अधिक सुरक्षित मानी जाती है.

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान | Disadvantages Of Cryptocurrency

हर सिक्के के 2 पहलू तो होते ही हैं. इसी तरीके से क्रिप्टोकरेंसी के लिए कुछ फायदे हैं तो उन फायदों के साथ कुछ नुकसान भी उसके साथ आते हैं.

  • क्रिप्टोकरेंसी इंटरनेट आधारित करेंसी है. तो ऐसे में इसे हैक किया जा सकता है. ईथेरियम नामक करेंसी के साथ ऐसा हो भी चुका है.
  • क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी सरकारी अथॉरिटी का कोई नियंत्रण नहीं होता है. ऐसे में इसकी कीमतों को रेगुलेट नहीं किया जा सकता इसीलिए इसकी कीमत में अप्रत्याशित रूप से उतार चढ़ाव देखा जाता है.
  • क्रिप्टो करेंसी दुनिया के लिए अभी एक नया ट्रेन है तो ऐसे में अगर आप भूल से किसी के दूसरे व्यक्ति को यह करेंसी ट्रांसफर कर देते हैं तो उसे वापस पाने की कोई तकनीकी नहीं है
  • दुनिया के कई देशों में इसके प्रतिबंधित होने का सबसे बड़ा कारण है अवैध कामों में इसका उपयोग इसीलिए इसे भी क्रिप्टोकरंसी का एक बड़ा नुकसान माना जाता है

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क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें | How To Trade Cryptocurrency

इस लेख में आपने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तमाम जानकारियों को पढ़ा. अब हम आपको बताएंगे कि आप किस तरीके से क्रिप्टोकरंसी खरीद या बेच सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग के लिए आपको एक ऑनलाइन वैलेट की जरूरत होगी. इस वैलेट में ही आपकी करेंसी होल्ड की जाएगी. आप वैलेट की मदद से क्रिप्टो करेंसी के मूल्य के बराबर रुपए चुका कर उसे खरीद सकते हैं और जब आपको क्रिप्टो करेंसी की कीमत में इजाफा दिखे तब आप उसको बेच सकते हैं. इस तरीके से क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट का एक अच्छा जरिया है. हालांकि भारत में इसका मुद्रा के रूप में इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है.

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | FAQs

प्रश्न.क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

उत्तर: क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल करेंसी है. इसे एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम द्वारा मैरिज किया जाता है. इसके माध्यम से आप दुनिया में कहीं भी ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

प्रश्न.क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत में लीगल है?

उत्तर: आप भारत में वैलेट के जरिए इसकी ट्रेडिंग की जा सकती है. हालांकि भारत में इसका मुद्रा के रूप में इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है.

प्रश्न.क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश करें?

उत्तर: क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग के लिए आपको एक ऑनलाइन वैलेट की जरूरत होगी. इस वैलेट में ही आपकी करेंसी होल्ड की जाएगी. आप वैलेट की मदद से क्रिप्टो करेंसी के मूल्य के बराबर रुपए चुका कर उसे खरीद सकते हैं और जब आपको क्रिप्टो करेंसी की कीमत में इजाफा दिखे तब आप उसको बेच सकते हैं. इस तरीके से क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट का एक अच्छा जरिया है.

प्रश्न.क्या भारत के बाजारों में क्रिप्टोकरेंसी इस्तेमाल की जा सकती है?

उत्तर: जी नहीं, आप हाल फिलहाल भारत के बाजारों में क्रिप्टोकरेंसी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.

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Author: Arora

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